बून्द बून्द अनमोल
बून्द बून्द अनमोल
बूँद बूँद है अनमोल
समझेगा कब इसका मोल,
व्यर्थ बहा ना कुछ तो तोल
सूखी नदियां ,नाले हैं
तालाबों पर ताले हैं
बन्द अक्ल के पट सब खोल
बूँद बूँद है अनमोल।
खुली नलों की टोंटी है
कई जगहों से टूटी है
कामचोरों की खोलो पोल
बूँद बूँद है अनमोल।
कर्तव्य ये सब का है
दोष भी हम सब का है
जल ही जीवन यह भी बोल
बूँद बूँद है अनमोल।
