मन से तिमिर को
मन से तिमिर को


मन से तिमिर को निकाल कर चलो
दीये हौंसलों के तुम बाल कर चलो,
चलो गौर करके आज के वक्त पर
बीते हुए वक्त को टाल कर चलो,
आज है रात तो कल होगा सवेरा
विश्वास यह खुद में पाल कर चलो,
कर्मों के फल सभी पाते हैं यहाँ, दोष
अपने किसी पर न डाल कर चलो,
नहीं है फर्क कोई ज़िन्दगी व सड़क में
कदमों को बस जरा संभाल कर चलो,
छू लिया है तुमने, माना के आसमान को
पर जमीन पर कदम न उछाल कर चलो,
मांगेंगी नई पीढीयाँ तुमसे जवाब सारे
खत्म पहले ही सारे, सवाल कर चलो,
झुकें सर सभी के सम्मान में तुम्हारे
काम कोई तुम ऐसा कमाल कर चलो,
जीना है ज़िन्दगी को, तो जियो शान से
ज़िन्दगी का मत बुरा तुम, हाल कर चलो,
आया जो जहान में जाना है हर किसी को
मरने से पहले जिन्दा मिसाल कर चलो ।