STORYMIRROR

Rashmi Singhal

Abstract

3  

Rashmi Singhal

Abstract

मंज़र कौन सा है?

मंज़र कौन सा है?

1 min
321


चुना है जो दिल ने ये मंजर कौन सा है?

जा रहा किस ओर ये सफर कौन सा है?


छोड़ के घर अपना बसने चला दिल कहाँ?

जाना-पहचाना सा जाने ये नगर कौन सा है?


दवा-दारू-दुआ सब बेअसर हो चली हैं

हुआ दिल पर जाने ये असर कौन सा है?


ड़रता है आजकल ये किसके बिछुड़ने से?

आखिर! मेरे दिल को ये फिकर कौन सा है?


न ही जीने देता है ये,न ही देता है ये मरने

मीठा सा लगने वाला ये जहर कौन सा है?


करा दिया मुझे ये एहसास मेरे दिल ने,के

जिन्दगी का मेरी हमसफर कौन सा है।


         

  


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract