खाकी वर्दी
खाकी वर्दी
माटी सा भूरा मात्र यह नहीं रंग है खाकी
साधारण सी वर्दी मत जानो इसे बाकी,
सबकी सुरक्षा का है इसके कंधों पर बीड़ा
छोड़ कर चिंता अपनी हरती सबकी पीड़ा,
हरेक मौसम में डटे रहना है इसका काम
किसी त्यौहार पर भी नहीं है इसे आराम,
राष्ट्रहित से रहती है हरदम ही ये अटी
राष्ट्र सुरक्षा में हर पल ही रहती है ये ड़टी,
केवल अपनों से ही होता नहीं इसे है प्यार
सम्पूर्ण राष्ट्र बल्कि होता है इसका परिवार,
नहीं केवल खाकी रंग में ही यह सिमटी हुई
ये है राष्ट्रीय भावना के तीन रंगों से लिपटी हुई,
राष्ट्र-सेवा ही इसका गौरव और अभिमान है
राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व करती क़ुर्बान है,
अपनी माटी के लिए ये कुछ भी कर जाते हैं
इसीलिए तो ये खाकी वर्दी वाले कहलाते हैं।