STORYMIRROR

Kusum Joshi

Inspirational

3  

Kusum Joshi

Inspirational

वरदान दे दो ज्ञान का

वरदान दे दो ज्ञान का

1 min
384


वंदनीया शारदा !

ये नित् निरंतर कामना,

तम हरो अज्ञान का,

वरदान दे दो ज्ञान का,


संयमी हों शील हों हम,

गंभीर हों और धीर हों हम,

दम्भ ना छू भी सके,

दृढ़ता पुनीत संज्ञान का,

वरदान दे दो ज्ञान का।


वंदनीया शारदा !

ये नित् निरंतर कामना।


स्वावलंबी हो सजग हो,

सत्य के पथ पर अडिग हों,

भेदभाव से दूर हों,

स्वज्ञान-स्वसम्मान का,

वरदान दे दो ज्ञान का।


वंदनीया शारदा !

ये नित् निरंतर कामना।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational