वह देश हमारा भारत है
वह देश हमारा भारत है
जिस देश की माटी की खुशबू से सुरभित यह बचपन है
वह देश हमारा भारत है जिसे शत –शत बार नमन है
जहाँ नदियों में पानी अमृत बन सबको जीवन देता है
जहाँ परबत सीना तान खड़ा सीमा पर पहरा देता है
जिसके चरण चूमने आतुर नतमस्तक हुआ गगन है
जहाँ ऋषि-मुनी, साधू-संतों की वाणी में अमृत है
जिसके उपदेशों की मिठास जैसे शक्कर में घृत है
जिसके कारण उनका स्वागत होता अभिनन्दन है
जहाँ सत्य,अहिंसा संबल है तो ऐक्य सभी का बल है
जहाँ क्षमा, दया, करुणा जैसे गंगा-यमुना का जल है
जिसके कीर्ति विजय की गाथा शीतल मलय पवन है
जहाँ धर्म धर्म से बात
ें करते नहीं अधर्म कोई हैं सहते
जहाँ गीता और कुरान परस्पर मानवता के पुतले गढ़ते
जिसके मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे गाते गीत भजन हैं
जहाँ उपवन में खुशहाली है तो खेतों में हरियाली है
जहाँ प्रकृति भी परिधान पहन दिखती बहु रंगोवाली है
जिसकी सुन्दरता को लखकर कोयल हुई मगन है
जहाँ ऊषा अभिनन्दन करती है, नित्य लालिमापन से
जहाँ सूरज का सम्बन्ध जुड़ा है लोगों के जीवन से
जिसकी महक से पूरित होकर हँसते धरा-गगन हैं
जहाँ उगलती सोना-चांदी ऐसी यहाँ की माटी है
जहाँ चाँद को चंदा मामा कहने की परिपाटी है
ऐसा देश जो सकल विश्व का छूता अन्तःमन है