संयुक्त परिवार
संयुक्त परिवार
मेरा भारत
विलक्षण, अद्भुत
विभिन्नताओं में एकता
विभिन्न परम्पराओं का परिचायक
धर्मों का निर्वाह
प्रेम व भाईचारा
सब कुछ पनपता है
मेरे भारत वर्ष में।
सारे विश्व में चर्चा होती
भारतीय संस्कृति की
हमारे संस्कारों की।
इन सब के लिए
अहम भूमिका निभाते
हमारे संयुक्त परिवार।
रिश्ते नातों का महत्व दर्शाते
एक दूसरे पर जान छिड़कते
हमारे संयुक्त परिवार।
खानदान की परिपाटी को चलाते
लोगों के सामने उदाहरण बनते
हमारे संयुक्त परिवार।
सारे दुख,सारे सुख
सब कुछ साझा
मिल बाँट कर रहना
है जिनकी खासियत
ये हैं हमारे संयुक्त परिवार।
एक की परेशानी
सब खड़े हो जाते हैं
हर आपदा को यूँ ही
सह जाते हैं।
वार त्योहार, शादी ब्याह
घर बन जाता चाँदनी चौक
हर तरफ चहल-पहल
बच्चों की मौज ही मौज।
संस्कार यहाँ डालने पड़ते
बाबा -दादी की पाठशाला
सत्कर्म, सत्भाव, स्नेह, प्यार
सब स्वयं ही संचारित होते।
संयुक्त परिवारों की बात निराली
प्यार सम्मान परोसा जाता हर थाली
न बाई की चिंता, न काम का बोझ
सब कुछ बंट जाता न कोई सोच।
बड़ों की बात को मिलता सम्मान
छोटों को उनके अनुभवों से मुकाम।
जिन्होंने संयुक्त परिवार में
बिताया है जीवन
उनका जीवन होता विलक्षण।
टैंशन आने से पहले ही बंट जाती
मुसीबत पास आने से घबराती ।
अपना हाथ है यहाँ जगन्नाथ
बाकी सब प्रभु के हाथ।
जो करे सो करतार
सबकी नैया होगी पार ।
ये प्यारी सी है
भारत में संयुक्त परिवारों की कहानी
जो मैने जी है अपनों के बन सानी
शायद सबको पसंद आएगी
भारत गौरव गाथा दोहराएगी।
