फर्क पड़ता है
फर्क पड़ता है
फर्क पड़ता है
हर उस बदलाव से
जो मन में चलता है
और बाहर भी दिखता है
फर्क पड़ताहै
हर उस आवाज़ से
जो दिल से उठती है
और गूंज उसकी दिमाग को भेदती है
फर्क पड़ताहै
हर उस साहस से
जो गरीब में पलता है
और अमीर को खलता है
फर्क पड़ता है
हर उस शख्स की 'सहमति ' से
जो न्याय पर विश्वास रखता है
और अन्याय के लिए वो लडता है
फर्क पड़ता है
यह सब होने पर भी 'फर्क नहीं पड़ता'
कहने वालों को भी
और कह कर फिर से
फर्क मापने वालों
के हिल जाने से
फर्क तो पड़ता है...
