डरता है क्यों
डरता है क्यों
डरता है क्यों कि
मर तू जाएगा या
अस्तित्व तेरा मिट जाएगा पर
क्या है बाद तेरे जो यंहा रह जाएगा ,
लड तू अस्तित्व को आज अपने
लड तू गरीब के भी वास्ते ,
लड कि रास्ते तेरे खुलेंगें सभी
वजूद तेरा इसी से अमिट हो जाएगा ।
डरता है क्यों कि
सपने अधूरे तेरे रह जाएंगे या
अरमान भी शायद होगे न पूरे अभी
पर क्या है बाद तेरे, मन से जो गायेंगें सभी,
लड मगर कि सपने देखने का अधिकार न छूटे,
लड मगर कि अरमान का मान न टूटे,
लड तू अपनों के सपनों के लिए ,
साहस यही तेरा इतिहास फिर लिख जाएगा ।
डरता है क्यों कि
धैर्य ही बनेगा परीक्षा तेरी ,
संकल्प ही तेरा सिद्धि सधेगा,
यह संकल्प ही बाद तेरे ,दृढ़ता का विकल्प बनेगा,
लड मगर की कोशिशों की हार से न हारे कोई,
लड मगर कि अटल तेरा विश्वास रहे सदा
यही विश्वास ही रास्ते में फूल जीत के बिखेरेगा तेरे।
डरता है क्यों
यह वजूद जो मौजूद है
नाम "उसका" ही वजूद को तेरे अब जिताएगा।
