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Dr Pragya Kaushik

Inspirational

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Dr Pragya Kaushik

Inspirational

रूकी नहीं  ,झुकी नहीं

रूकी नहीं  ,झुकी नहीं

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रूकी नहीं ,झुकी नहीं

वो माँ थी ,डटी रही

आवाज़ बनी ,बेटियों की

कल की और आज की ।

एक थी, अनगिनत चली

वो माँ थी, मिसाल बनी,

न्याय की, सम्मान की

देश की ,समाज की।

हो निर्भया या लक्ष्मी

वो मां थी ,वो मां है

आज की आस बनी ,

कल का शंखनाद सी

वो रूकी नही ,झुकी नही

वो माँ थी ,डटी रही।



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