रूकी नहीं ,झुकी नहीं
रूकी नहीं ,झुकी नहीं
रूकी नहीं ,झुकी नहीं
वो माँ थी ,डटी रही
आवाज़ बनी ,बेटियों की
कल की और आज की ।
एक थी, अनगिनत चली
वो माँ थी, मिसाल बनी,
न्याय की, सम्मान की
देश की ,समाज की।
हो निर्भया या लक्ष्मी
वो मां थी ,वो मां है
आज की आस बनी ,
कल का शंखनाद सी
वो रूकी नही ,झुकी नही
वो माँ थी ,डटी रही।
