मेरे औघड़ बाबा
मेरे औघड़ बाबा
मेरे शंकर मेरे नटराज़ :
तेरी महिमा का क्या करूँ बखान!
अपनी शरण में ले लो बाबा :
मुझ पर करो कृपा हे कृपानिधान!
मेरे शिव मेरे महेश :
मेरी सुनो पुकार मुझे दे दो आशीष!
ज़ब ज़ब डगमगाए मैं :
तुम आगे बढ़कर थाम लेना मेरे ईश!
जीवन पथ है बड़ा दुर्गम :
कई बार थककर रुक जाते हैं कदम!
मेरे औघड़ बाबा, प्रिय शंकर :
तेरी भक्ति में लीन रहते हम हरदम!
