मेरे भारत देश के रंग बड़े प्यार
मेरे भारत देश के रंग बड़े प्यार
मेरे भारत देश के रंग बड़े प्यारे
जी चाहे इन पे मैं जाऊँ वारे
मेरे देश मे सब हैं भाई भाई
हिन्दू हो य़ा सिख या फिर
मुस्लिम ईसाई
मेरे भारत देश के रंग बड़े प्यारे
मिल के रंगते स्वपन लोक से
सुन्दर चित्र प्यारे
सूरज की है आभा कही तो
कही चाँद की गरिमा
सितारों की चमक कहीं तो
फूलों की है शोभा
क्या कहूँ मेरे देश पे
मैं बस इस पे वारी जाऊँ कि
मेरे भारत देश के रंग बड़े प्यारे
मेरे भारत देश के रंग बड़े प्यारे।