कायाकल्प
कायाकल्प
पहले था
मैं अस्वस्थ
रोता रहता था
कभी न हंसता था
बात बात पर चिढ़ता था
अपने भार को उठाकर भी
चलने से थकता था
एक दिन
मुझे खुद ही अहसास हुआ कि
ऐसा जीवन किस काम का
जिसमें बस अवसाद हो
खुशियों का कहीं न कोई
नामोनिशान हो
मन में बस एक दिन
संकल्प उठाया
अपनी
कायाकल्प करूंगा
अपने दम पर
यह भाव मन में जगाया
बस थोड़ा सा संयमित होकर
उस दिन से
चलने लगा
अपने स्वास्थ्य के प्रति
सजग रहने लगा
कसरत करता, योगा
करता,
दौड़ लगाता
खुद हंसता
दूसरों को भी खूब हंसाता
खान पान में भी
बदलाव लाया
अपनी दिनचर्या को
मैंने बदल डाला
जीवनशैली में यह जो
बदलाव आया
देखकर रह गया मैं तो
खुद को आश्चर्यचकित
एक नया ही
यौवन और रूप
सौंदर्य स्वास्थ्य
से भरपूर
मैंने तो बस
हर दिन की
थोड़ी बहुत मेहनत
से पाया
मेरा स्वस्थ होने का
सपना साकार हुआ
एक सजीला गठीला नौजवान
जो न जाने कहां छिपा बैठा था
अब तक
उभरकर इस दुनिया के
सामने
एक सूरज सा चमकता
खिलखिलाता
एक नये दिन की नई
सुबह की नई शुरुआत सा आया।
