मातृत्व सदृढ़, नस्लें अव्वल।
मातृत्व सदृढ़, नस्लें अव्वल।
मां है,
हर समाज का आधार,
वही है समाज की जननी,
अगर वो सही,
ढंग से,
पालेगी पोसेगी,
परिवार सभ्य होगा,
प्यार मोहब्बत से,
परिपूर्ण होगा,
कुटुंब शिष्टाचारी होगा,
अंततः समाज भी,
कल्याणकारी होगा,
देश भी खुशहाल होगा,
विश्व भी सौहार्द पूर्ण होगा।
अगली नस्लें भी,
फलेंगी फूलेंगी,
आपस में,
प्यार से रहेंगी,
समझदारी से,
हर मामला निपटेंगी,
तंदुरुस्त होंगी,
एक अच्छा नागरिक बनेंगी,
समाज और देश के काम आएंगी,
मित्रत्व भाव से रहेंगी।
