आजादी
आजादी
मातृभूमि की रक्षा का प्रण उठाएंगे
एक साथ हम मिलकर गाएंगे
वंदे मातरम् वंदे मातरम्
वंदे मातरम् वंदे मातरम्।
इस मातृभूमि में जन्म
लिया है वीर अनेकों ने
हम उनकी वीरगति व्यर्थ न जाने देंगे
हम गाएंगे उनकी वीर गाथाएं।
हम एक के साथ गाएंगे
वंदे मातरम् वंदे मातरम्
वंदे मातरम् वंदे मातरम्।
वीर भगत सिंह के अंदर जो
अग्नि थी वह उन्होंने दिखलाई
देश के खातिर हंसते-हंसते
फांसी गले लगाई।
भगत राजदेव सुखदेव सिंह
उन वीरों ने अपना सर
मातृभूमि के नाम कराया
तब भी उनके मुंह से
एक ही आवाज है आई
वंदे मातरम् वंदे मातरम्
का नारा तेज लगाए।
इसी तरह अनेक वीरों की
आहुति से आजादी हमने गले लगाई।