दर्द की दुहाई न दे..
दर्द की दुहाई न दे..
ख़ुदा दर्द की अब दुहाई न दे।
किसी की बुराई दिखाई न दे।
हया शर्म सब भूलते हैं यहॉं,
मुझे प्यार में बेहयाई न दे।
सभी रो रहे हैं दिले बेखबर,
दिलों में दिलों की ही खाई न दे।
सरेआम जो लोग नीलाम हों,
उन्हें सोच में दिलरुबाई न दे।
घमंडी सभी हो गए हैं सुनो,
मुझे आज कोई सफाई न दे।
वतन में वतन से लड़े जो कभी,
कि ऐसे हमें बन्धु भाई न दे।
वतन ही मिरा प्यार है यार है,
मिरे देश में जग हॅंसाई न दे।
कि आतंक दहशत सभी दूर कर,
वतन काटते यूॅं कसाई न दे।
कि वीरान 'गुलशन' दुआ मॉंगता,
किसी को वतन से जुदाई न दे।