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Shailaja Bhattad

Abstract

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Shailaja Bhattad

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मुक्तक- हिन्दी भाषा

मुक्तक- हिन्दी भाषा

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मुक्तक- हिन्दी भाषा

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उज्ज्वलता का गान है ।

 हिंदी के विश्वास का मान है।

 संपर्क सूत्र बन छाई विश्व पटल पर।

गौरव ताज हम सबका सम्मान है।

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 हवा में स्पंदित हो रही।

जीवन शैली बना रही।

 प्रचुर साहित्य की धनी 

 प्रथम राजभाषा का गौरव पा रही।

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अनुवाद की नहीं संवाद की भाषा है।

 राष्ट्रभाषा बने हिंदी सबकी अभिलाषा है।

हर अग्नि परीक्षा पार करने वाली।

 जन-जन की प्यारी हिन्दी भाषा है। 

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अपने नाम कई कीर्तिमान दर्ज करा आई है।

 अपना दबदबा यूं ही नहीं बनाई है।

राजभाषा से राष्ट्र भाषा का सफर। 

 हिंदी की हो रही एवरेस्ट चढ़ाई है।

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हर पन्ने को इंतजार है हिंदी से सजने का।

स्याही की विनती कलम से देवनागरी में ही चलने का।

 मुकुट बनने की चाह सबकी है।  

 किताब चाहे पाना गौरव हिंदी भाषा की कहलाने का।


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