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Sudhir Srivastava

Abstract

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Sudhir Srivastava

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मिट्टी

मिट्टी

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धरती ही नहीं दुनिया के किसी कोने में

धरती हो या आकाश पाताल में मौजूद 

हर भौतिक वस्तु या जीव

पेड़ पौधे ,जीव जंतु, पशु पक्षी

नदी, नाले, झील, झरने पहाड़, खाई, गुफा

सब मिट्टी की ही देन हैं,

और इसी मिट्टी में मिल जायेगा,

चाहे जितना अकड़ दिखाए 

या अपनी ताकत पर इतराये

चाहे जितना ज्ञान विज्ञान का जाल फैलाए

या तंत्र मंत्र करे और पूजा पाठ में रम जाए।

चाहे जितना विशाल हो उसका आकार

या बहुत गहरी हों उसकी जड़ें।

सब व्यर्थ हो जायेगा 

जब उसका समय उसकी दुनिया में पूरा हो जाएगा

उसका अस्तित्व मिट्टी में ही मिल जायेगा,

मिट्टी के बिना न उसका अस्तित्व था ही कब

जो मिट्टी के सिवा कहीं और आश्रय पायेगा,

मिट्टी था, मिट्टी है और मिट्टी में मिल जायेगा। 



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