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Sudhir Srivastava

Abstract

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Sudhir Srivastava

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जिंदगी के भंवर में

जिंदगी के भंवर में

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जब आप मान ही रहे हैं 

कि जिंदगी एक भंवर है

तो जिंदगी के भंवर में तैरते रहिए

हौसलों के साथ डूबते उतरवाते रहिए।

जिंदगी आपकी होकर भी आपकी नहीं है,

यह ईश्वरीय उपहार है,

उपहार का उपहास नहीं करते हैं

न ही नजर अंदाज करते हैं

इसलिए इसके साथ कभी खिलवाड़ न करिए,

जिंदगी के किसी हिस्से में आपका अधिकार नहीं है

जिसका अधिकार है 

उसके अनुरूप ही जिंदगी को चलने दीजिए।

अनावश्यक ज्यादा बुद्धिमान बनने का

आप दुस्साहस न कीजिए,

बस जीवन का आनंद लीजिए,

जिंदगी के भंवर का उत्सव सा आनंद लीजिए

और जीवन जीने की नजीर पेश कर

औरों को राह दिखाइए और प्रेरणा स्रोत बन जाइए,

जिंदगी का पर्याय बन जाइए। 



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