प्रेम
प्रेम
प्रेम में सब कुछ पाना ही प्रेम नहीं
खोकर भी पाना प्रेम है
प्रेम का मतलब गलत नहीं है
प्रेम को गलत नजर से देखना गलत नही
प्रेम को गलत नजर मैं रखना गलत है
प्रेम का आधार गलत नहीं
अगर प्रेम गलत है तो
जो भाई बहन में है वह क्या
जो मां बेटी बाप बेटी में है वह क्या
हर प्रेम के अलग-अलग मायने हैं
प्रेम बिन जीवन बिना आधार है
प्रेम में जीवन बदल जाता है
कुछ का गलत तो कुछ का सही हो जाता है
जिसको मिल जाए समझो वह सफल हो जाए जिसको
कुछ को न मिले तो
तो वह अपना जीवन समझ लेते हैं बेकार
प्रेम में इंसान सब कुछ भूल जाता है
कुछ सही कुछ गलत रास्ते पर निकल जाता है
प्रेम जीवन की वह पूंजी है
जो इतिहास बदलने की कुंजी है।