पशु पक्षी और प्रेम
पशु पक्षी और प्रेम
हमारे पशु पक्षी
पशु अगर ना होते ना होती हम को सुविधा
कहां से हम पीते शुद्ध दूध कहां से आती ताकत
ना जाने कितनों ने हमारे लिए रखी है मन में चाहत
कोई नाच कर कोई गा कर देता मन को सुकून जैसे
नाचता मन में मोर मयूर कोयल गाती मधुर गीत
इन सबके साथ होने से बनता है संगीत
जैसे शेर हिरण हाथी यह सब है साथी
वैसे ही हम इनके संग रहे बनके साथी
इनमें भी एकता है हर परिस्थिति में लड़ने की क्षमता है
यह सब मिलकर रहते हैं कोई जंगल में कोई आकाश में
जिंदगी के साथ में।