जद्दोजहद चल पड़ी पहले घरोंदा बनाने की अब घरोंदा पाने की जद्दोजहद चल पड़ी पहले घरोंदा बनाने की अब घरोंदा पाने की
बीत गये वो सारे दिन, अब तन्हा कटेगी रात। बीत गये वो सारे दिन, अब तन्हा कटेगी रात।
तुच्छ स्वार्थ हेतु तोड़ना अटूट विश्वास क्या यही प्यार है। तुच्छ स्वार्थ हेतु तोड़ना अटूट विश्वास क्या यही प्यार है।
मेरी स्मृति में फैले हुए तुम्हारे एहसास को वही व्यंजन वर्ण के स्पर्श को कुछ न पाने के अनुभव को। मेरी स्मृति में फैले हुए तुम्हारे एहसास को वही व्यंजन वर्ण के स्पर्श को कुछ न...
आओ उखाड़ फेंके इस राक्षस को हम जड़ से, और आजाद हो जाए इस कुप्रथा की पकड़ से। आओ उखाड़ फेंके इस राक्षस को हम जड़ से, और आजाद हो जाए इस कुप्रथा की पकड़ से।
बोली,गलती थी हमारी, मत समझना अबला, मै किसी की प्यारी हूँ, मै हूँ ममता की मूरत, मै काली, ... बोली,गलती थी हमारी, मत समझना अबला, मै किसी की प्यारी हूँ, मै हूँ ममता क...