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Hemant Kumar Saxena

Comedy

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Hemant Kumar Saxena

Comedy

आया टिकटोक का जमाना मनाना

आया टिकटोक का जमाना मनाना

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शर्मा जी बेचारे, शर्म के मारे,

शादी के लिए, हो गये तैयार, 

क्लर्क की नौकरी थी, 

दहेज मिला बेशुमार, 


कुछ मिला नकद, एक बढिया कार, 

शर्मा जी खुश, बोले बन गया परिवार, 

अब तो बस खुशी से, जीवन बिताऊँगा, 

और चैन से बैठकर खाऊँगा, 


नयी नयी शादी थी, 

नया नया था प्यार , 

शर्मा जी भोले भाले, 

पत्नी होशियार,


शर्मा जी आये बैंक से, 

बोले सुनती हो राम प्यारी, 

या तुम्हें भी है ,

ना सुनने की बीमारी, 


पत्नी बोली, 

सोनू के पापा,

आज जल्दी आ गये बैंक से, 

शर्मा जी बोले हाँ हाँ राम प्यारी,


जरा खाना लेकर आओ,

भूख लगी है जोर की, 

जरा मुझको तुम खिलाओ, 


बोली पत्नी शर्मा जी से,

थोड़ा तुम भी हाथ हिलाओ,

हाथ तुम्हारे दोनों हैं, 

खुद ही खाना खाओ,


शर्मा जी बोले,,

आज बड़ी संवर के बैठी हो, 

क्या इसमें कोई राज है, 

आज की मुस्कराहट ,

बड़ी तुम्हारी खास है ,


पत्नी बोली अब बातें मत बनाओ, 

और जल्दी खाना खाओ, 

फिर बाद में बाहर जाना, 

पहले मेरे साथ एक टिकटौक वीडियो बनाना, 


सुना जो शर्मा जी ने, 

पैरों तले जमीं खिसक गई, 

कहना चाहा बहुत कुछ, 

पर वहीं साँस अटक गयी, 


पत्नी गुस्से में आकर,

शर्मा जी पर चढ़ गयी, 

आसमान भी था नीला, 

शर्मा जी की खोपड़ी भी नीली पड़ गयी, 


पत्नी बोली खबरदार जो, 

एक भी कदम आगे बढ़ाया,

बसंती को नचाने के लिए, 

कोई भी नुस्खा आजमाया, 

इतने में पत्नी ने वीडियो शेयर कर, 

अपना होसला बढ़ाया,


बोली पत्नी शर्मा जी से, 

मैं भी थोड़े पैसे बचा रही थी, 

तुम तो बेकार में बेहोश हो गये, 

मैं टिकटौक वीडियो बना रही थी,


इतने में हुआ झगड़ा बिगड़ गई बात,

चार दिन पहले शादी हुई थी,

आज हो गया तलाक,

गजब का टोका शर्मा जी ने,

की ना बनें कोई बात,

बीत गये वो सारे दिन,

अब तन्हा कटेगी रात।


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