मनुष्यों का मनुष्यों के लिए अत्याचार को देखकर मुझे बहुत दुःख होता है। मनुष्यों का मनुष्यों के लिए अत्याचार को देखकर मुझे बहुत दुःख होता है।
ठेकेदार की योग्यता का क्या दे सबूत? ठेकेदार की योग्यता का क्या दे सबूत?
ठेकेदार दिवस ... बन के रह गया ...!! ठेकेदार दिवस ... बन के रह गया ...!!
ठहरो हैवानियत के ठेकेदारों हम शीघ्रातिशीघ्र आते हैं। ठहरो हैवानियत के ठेकेदारों हम शीघ्रातिशीघ्र आते हैं।
बोलते है मर्यादा में रहो समाज की सुनो प्यार न करो बोलते है मर्यादा में रहो समाज की सुनो प्यार न करो
कितनी सच्चाई है बातों में ज़माने की ? ये सिर्फ वो औरत ही जानती है। कितनी सच्चाई है बातों में ज़माने की ? ये सिर्फ वो औरत ही जानती है।