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Antima Vind

Abstract Drama Inspirational

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Antima Vind

Abstract Drama Inspirational

जिन्दगी & सफर

जिन्दगी & सफर

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कभी किसी के दूर होने की कमी ,

तो किसी से दूर जाने का एहसास कराती है...

क्या कमी रह गई मेरी मोहब्बत में ऐ जिन्दगी,

जो हर कदम पर तू परीक्षा कराती है ...

कभी उत्साह जगा कर,

तू मंज़िल के रास्ते तक ले जाती है ...

तो कभी उन्हीं रास्तों में कांटे लगाकर ,

क्यों खुद से ही भटकाती है...


हां तुझसे इश्क है इसलिए,

तुझमें ही जीये जा रहे है ...

प्यार थोड़ा ज्यादा हुआ है तुमसे,

तभी शिकायतें भी किए जा रहे हैं ...

आईना दिखाने का अंदाज भी ,

इक पहेली निकला तुम्हारी तरह ...

जानते हैं थोड़ी देर बाद सुलझेगी ,

फिर भी तुम्हारे लिए सुलझाए जा रहे हैं ... 

क्या कमी रह गई ......



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