यह सिखाती है प्रकृति का जतन कैसे करे हाय ये मौसम की बारिश ! यह सिखाती है प्रकृति का जतन कैसे करे हाय ये मौसम की बारिश !
संग ताल से ताल मिलाए घन घन बादल सारे .. भीनी गंध, पुलकित हुई नासिका हुई प्राणवान सारी तन-को... संग ताल से ताल मिलाए घन घन बादल सारे .. भीनी गंध, पुलकित हुई नासिका हुई...
बने सीप मुख देख, बून्द मोती सी प्यारी। बने सीप मुख देख, बून्द मोती सी प्यारी।
इस धरती पर सदियों से, अमर वही बन पाया है। इस धरती पर सदियों से, अमर वही बन पाया है।
आई आई वर्षा रानी प्यारी प्यारी वर्षा रानी। आई आई वर्षा रानी प्यारी प्यारी वर्षा रानी।
घन घना-सा तुम कहाँ हो स्वाति ? चातक प्यासा घन घना-सा तुम कहाँ हो स्वाति ? चातक प्यासा