छाई है छाई है
वाह जी क्या बात निशां कहरी हो ऐसे ही पूस की हर रात सुनहरी हो। वाह जी क्या बात निशां कहरी हो ऐसे ही पूस की हर रात सुनहरी हो।
कईसे लूटी सावन के बहार हो। सवनवा में ना अइबो ननदी। कईसे लूटी सावन के बहार हो। सवनवा में ना अइबो ननदी।
छा गई उर स्थल में फूटे अँखियों की सीपी, भावों की मोती बिखरे सपनों के बगुले उड़ चले। छा गई उर स्थल में फूटे अँखियों की सीपी, भावों की मोती बिखरे सपनों के बगुले उ...
रिमझिम रिमझिम बरसती मेघा चंद्र पर छाई बदरी काली रिमझिम रिमझिम बरसती मेघा चंद्र पर छाई बदरी काली
प्रियतमा के केशों में सजा गजरा कैसा लगता है...? आहवान करने वाला...? प्रियतमा के केशों में सजा गजरा कैसा लगता है...? आहवान करने वाला...?