ना इत्तफ़ाकन... इत्तफ़ाक से। ना इत्तफ़ाकन... इत्तफ़ाक से।
पाँच पतियों वाली का कटाक्ष, बना द्रोपदी का उपहास, पाँच पतियों वाली का कटाक्ष, बना द्रोपदी का उपहास,
काले, रूखे और बेजान केशों के जालों में। काले, रूखे और बेजान केशों के जालों में।
कितना चाहा स्वयं को दर्पण यूँ ना छुपा तू जानता है उसे दर्पण तू बता..? कितना चाहा स्वयं को दर्पण यूँ ना छुपा तू जानता है उसे दर्पण तू बता..?
प्रियतमा के केशों में सजा गजरा कैसा लगता है...? आहवान करने वाला...? प्रियतमा के केशों में सजा गजरा कैसा लगता है...? आहवान करने वाला...?
मुझे वेश्या कहकर दुर्योधन, ने मेरी हँसी उड़ाया था मुझे वेश्या कहकर दुर्योधन, ने मेरी हँसी उड़ाया था