कितना चाहा स्वयं को दर्पण यूँ ना छुपा तू जानता है उसे दर्पण तू बता..? कितना चाहा स्वयं को दर्पण यूँ ना छुपा तू जानता है उसे दर्पण तू बता..?
तुम उनको पढ़ना अपने होंठों पर इक मीठी मुस्कान लिए ! तुम उनको पढ़ना अपने होंठों पर इक मीठी मुस्कान लिए !
चेहरे पर दिखते धब्बों का उपाय खोजता जाता आत्मा पर लगे विकारों के वो दाग देख ना पाता चेहरे पर दिखते धब्बों का उपाय खोजता जाता आत्मा पर लगे विकारों के वो दाग देख न...