लिखने का आग्रह और टाल नहीं पाए लिखने का आग्रह और टाल नहीं पाए
कुछ ऐसे लोग जिन्हें वो जानती भी नहीं है वो भी उसे कभी बेशर्म तो कभी बेहया कह देते कुछ ऐसे लोग जिन्हें वो जानती भी नहीं है वो भी उसे कभी बेशर्म तो कभी ...
और वहां से जवाब भी आया, कि यहां अब तेरा कोई नहीं रहता। और वहां से जवाब भी आया, कि यहां अब तेरा कोई नहीं रहता।
भाव असमर्थ नहीं विवश से हैं भाव असमर्थ नहीं विवश से हैं
तुम उनको पढ़ना अपने होंठों पर इक मीठी मुस्कान लिए ! तुम उनको पढ़ना अपने होंठों पर इक मीठी मुस्कान लिए !
तेरे मेरे बीच, ये क्या चलता है कोई रिश्ता, बिना संबोधन ही पलता है… तेरे मेरे बीच, ये क्या चलता है कोई रिश्ता, बिना संबोधन ही पलता है…