जिसको चाहे जहां भी मारें, तनिक नहीं कतराते हैं। जिसको चाहे जहां भी मारें, तनिक नहीं कतराते हैं।
आदमी औरत की अस्मत को जब लूटता है पूरा समाज अपनी आबरू को तब खोता है! आदमी औरत की अस्मत को जब लूटता है पूरा समाज अपनी आबरू को तब खोता है!
जलाई ना जाये नारी जहाँ आओ एक देश बसाये जलाई ना जाये नारी जहाँ आओ एक देश बसाये
मैं भीगी हूं आंसुओं के प्रसार में क्या मेरा हक नहीं इस संसार में। मैं भीगी हूं आंसुओं के प्रसार में क्या मेरा हक नहीं इस संसार में।
हम तुम सब यूं ही देखते रहेंगे बलात्कारी यूं ही बचते रहेंगे ! हम तुम सब यूं ही देखते रहेंगे बलात्कारी यूं ही बचते रहेंगे !
तेरे उसी रूप क़ी है दरकार गाँधी तेरी लाठी करती ये पुकार। तेरे उसी रूप क़ी है दरकार गाँधी तेरी लाठी करती ये पुकार।