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Sangeeta- A-Sheroes

Tragedy

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Sangeeta- A-Sheroes

Tragedy

खोखला समाज

खोखला समाज

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आदमी औरत की अस्मत को जब लूटता है 

पूरा समाज अपनी आबरू को तब खोता है 

फेर आंखें वह कई दुह्शासन को जन्म देता है 

और हर औरत को वह द्रोपदी बना देता है, 

वह (आदमी) पकड़ा गया,रोटी जेल की मजे से खाता है 

लेकिन उस औरत को पीड़ा से 

एक घूंट पानी भी नसीब नहीं हो पाता है 

मोमबत्तियों जला पोस्टर खड़े कर समाज 

धरने पर बैठ कभी नारे लगा अपना क्रोध दर्शाता है 

सरकार के आश्वासन पर फिर सब कुछ शांत हो जाता है 

और खुद को हम बड़े गंभीर होने का सार्टिफिकेट दे

सब कुछ भूल उस औरत की अस्मत 

गाॅसिप का एक मुद्दा बन रह जाता है 

कुछ दिन बाद फिर वही कांड 

इस समाज में दोहराया जाता है 

यह खोखला समाज खोखला ही रह जाता है ।।



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