नारी सृष्टि है और प्रलय भी उसे मां ही बने रहने दो संहारिनी को न्योता मत दो। नारी सृष्टि है और प्रलय भी उसे मां ही बने रहने दो संहारिनी को न्योता मत दो।
तेरे उसी रूप क़ी है दरकार गाँधी तेरी लाठी करती ये पुकार। तेरे उसी रूप क़ी है दरकार गाँधी तेरी लाठी करती ये पुकार।
मर गया क्या ज़मीर ये तेरा जो तू नामर्द बनकर बैठा हैं भाई किसी का हैं तू भी अब जल्लाद बनकर बैठा... मर गया क्या ज़मीर ये तेरा जो तू नामर्द बनकर बैठा हैं भाई किसी का हैं तू भी ...
एक कुरसी के वास्ते, लगी आबरू दाँव। कुछ भी अब हो जाय पर, नहीं हटेंगे पाँव।। नहीं हटेंगे पाँव, सियास... एक कुरसी के वास्ते, लगी आबरू दाँव। कुछ भी अब हो जाय पर, नहीं हटेंगे पाँव।। नही...
लुट रही है सरे आम, बेटियों की आबरू, क्यों नहीं होता कोई, लुटेरों से रूबरू... क्या हो गया है खून,... लुट रही है सरे आम, बेटियों की आबरू, क्यों नहीं होता कोई, लुटेरों से रूबरू... ...