ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
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जैसे किरण का छोर हो,
वर्षा कोई घनघोर हो ।
ज़िन्दगी के तूफ़ान में-
तनिक न कमज़ोर हो ।
रोज़ आगे चला कर,
नित्य आगे बढ़ा कर ।
ज़िन्दगी की मुश्किलों से-
तनिक ना तू डरा कर ।
रात की वो ओस है तू,
आस का एक स्रोत है तू ।
ज़िन्दगी की राहों पर-
खुद में ही मदहोश है तू ।
आंधी में जलता दीप है तू,
मन में बजता गीत है तू ।
ज़िन्दगी के खेल में-
हर हार जीता वीर है तू ।
खुद को सुधा पीला कर,
बैरियों से मिला कर ।
ज़िन्दगी की आँधियों में-
तनिक ना तू हिला कर ।
चाहे की तारों में फेर हो,
या तू खुद ही ढेर हो ।
ज़िन्दगी के जंगलों में-
चल कि जैसे शेर हो ।