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Neeraj pal

Inspirational

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Neeraj pal

Inspirational

कामना

कामना

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आओ आज "कामना" के बारे में तुम तो कुछ बतलाते हैं।

जिस प्रकार भगवान श्री कृष्ण जी अर्जुन को समझाते हैं।।


कामना ही दुख की जननी है, जो हमको भटकाती है।

करती मानव को अपने अधीन है, कभी तृप्त ना हो पाती है।।


पढ़ लो चाहे ग्रंथ कितने भी ,पीछा यह ना छोड़ेगी।

यह सदा ही तुम्हारे मन में होगी ,विषयों में उलझावेगी।।


यह है होती सबों पर हावी, गृहस्थ हो या सन्यासी।

एक है धन-दौलत का भूखा, दूसरा स्वर्ग का अभिलाषी।।


कैसे इससे अब पीछा छूटे,रह -रह विचार यह आता है।

कामना शून्य कौन इस जग में, जिसको ढूँढना चाहता है।।


किसी सदगुरु की शरण गहो ,जो कामना रहित होता है।

वही खोलेगा इस रहस्य को, जो ज्ञान का भंडार होता है।।


उसके समीप पहुंचकर ही तुमको, तप्त -हृदय में शांति मिलेगी।

ज्ञान के चक्षु खोल तुम्हारे ,बुद्धि- विवेक की सीख मिलेगी।।


कामना शून्य कर वह तुम को ,नई राह दिखलायेगा।

घट के अंदर ही सब कुछ होगा, आत्मबोध तुझे कराएगा।।



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