सलाम है मेरा देश के वीरों को
सलाम है मेरा देश के वीरों को
कितने जतन के बाद,
आज़ादी ने हमको गले लगाया,
हज़ारों कुर्बानियाँ न्योछावर हुई,
तब जाकर अपना तिरंगा फहराया।
उस आज़ादी की रक्षा करते हमारे ये जवान है,
सरहद पर पहरा देते, लिए हथेली में जान है।
सलाम है मेरा उन उन देश के जवानों को,
जो गोली सीने पर खाते हैं,
भारत माँ का आँचल ना छलनी हो पाए,
इसलिए अपने प्राण गवाते हैं।
गर्व है मुझे उन देश के वीरों पर,
जो हँसते-हँसते तिरंगे में लिपट जाते हैं,
हर पल अपनी जान की बाज़ी लगाये,
देश के लिए कुर्बान हो जाते हैं।
फख्र है मुझे हर उस माँ पर,
जिनकी कोख़ से ऐसे वीर जन्म लेते हैं,
जो देश के लिए मर-मिटने का जज़्बा लिए,
दुश्मनों को चीर देते हैं।
फौलादी इरादे लिए,
सियाचिन की बदन गला देने वाली,
ठण्ड में भी डटे रहते हैं,
वहीं रेगिस्तान में सूरज की,
जला देने वाली गर्मी भी सहते हैं,
ना रुकते हैं, ना झुकते हैं,
क्योंकि ये वीर सुपूत है उस भारत माँ के,
जो तिरंगे पर अपनी जान छिड़कते हैं।
जय हिन्द। .
