STORYMIRROR

Richa Srivastava

Drama

4  

Richa Srivastava

Drama

कभी न थकने वाली माँ

कभी न थकने वाली माँ

1 min
23.6K

वो काम खत्म करने की हड़बड़ाहट,

वो जल्द मुझे गोद मे समेटेने की चाहत,

वो चूड़ियों की खनक की सुगबुगहट,

वो गले से लगा लेने की राहत,


वो बारिश मे पकोड़े की फ़रमाइश,

वो बालों मे तेल की मालिश,

वो मुझे खुश देख कर आँखों मे चमक,

वो मेरे दर्द मे आंसुओं की छलक,


वो मेरे हाथों को यूं थाम लेना,

वो किसी भी मुश्किल मे ना घबराना,

वो हर दर्द को खुद पे ले लेना,

वो अपनी हर खुशी मेरे नाम कर देना,

वो मेरे सिर पे यूं हाथों को फेरना,


वो मेरी तबियत ना ठीक होने पर खुद ना सोना,

वो बत्ती चले जाने पर पंखा करना,

वो सुबह की पहली चाय बिस्तर पर देना,

वो मेरे लिए सब दुआएँ माँग लेना,


वो मेरे खातिर पूरी दुनिया से लड़ जाना,

वो मुझे अपने आँचल मे यूं छुपा लेना,

वो थक जाने पर भी लोरियाँ गुनगुनाना,

वो मेरी पसंद का सब खाना बनाना,

वो बाहर जाने पर,आने की राह ताकना,


वो मेरे फोन आने का इंतज़ार करना,

वो मेरे खातिर अपना पूरा दिन जाया कर देना,

वो मझे गुस्सा जाने पर यूं मनाना,

वो मेरे लिए सब चुपचाप सह जाना,


वो अँधेरों मे भी मेरी खुशियाँ तलाशना,

वो मेरी हर बातों को झट से मानना,

वो बस मेरा ही खयाल रखना,

ये सब माँ का हँसते हुए करे जाना,


आसान है क्या ऐसा संजीदा प्यार कर पाना ,

ये दुनिया-जहां सब तेरे वास्ते है माँ,

तू है, तभी तो मैं हूँ ना माँ,

तू है, तभी तो मैं हूँ ना माँ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama