विश्व विकलांग दिवस
विश्व विकलांग दिवस
मैं दिव्यांग हूँ कमजोर नहीं
में दिव्यांग हूँ असहाय नहीं
मैं भी आप सभी मानव के समान हूँ
मैं भी आप सभी के तरह ही सर्व शक्तिमान हूँ
हाँ मैं चल नहीं सकती
लेकिन मेरी सांसे थम नहीं सकती
मेरे पांव थमेंगे ना जब तक सांस हम रुकेंगे ना
जब मैं पैर से दिव्यांग हुई
अरुणिमा सिन्हा बन इतिहास रची
मैं दिव्यांग हूँ कमजोर नहीं
जब समाज ने मुझे नेत्रहीन कहा
जब समाज ने मुझे विकृत कहा
मैं रविंद्र जैन बन कर सिनेमा जगत में
दिव्यांग होने पर भी अपनी प्रतिभा परिचय दिया
भारत के सुप्रसिद्ध संगीतकार बन अपनी शक्ति का संदेश दिया
जब जब समाज ने हमारा उपहास उड़ाया है
तब तब कोई गिरीश शर्मा जैसा शख्स
बनकर हमारा जवाब देने आया है।
जब दो पैर होते हुए भी हमें नकारत्मक ख्याल आ जाता है।
तब हमें ऐसे महान दिव्यांग महापुरुष को पढ़कर सकारत्मक का ख्याल फिर से आ जाता है।
गिरीश शर्मा जैसे खिलाड़ी एक पैर होने पर
भारत को बैडमिंटन में पदक दिलाते है
ये दिव्यांग होकर भी भारत का नाम रोशन कर जाते है
मैं दिव्यांग हूँ कमजोर नहीं
असल जिन्दगी में दिव्यांग शेखर जी नायक
का रोल निभाते है
नेत्रहीन होने पर भी कर्नाटक के सफल क्रिकेटर कहलाते है।
आँखों को रोशनी से वंचित होने पर भी
हम सभी को सफलता का पाठ पढ़ाते है।
एस रामकृष्णन नियति के शिकार हुए
लकवाग्रस्त होते हुए भी दिव्यांगों के
भगवान हुए
लकवाग्रस्त होते हुए उन्होंने दिव्यांगों के सेवा
अपना जीवन समर्पित किया
दिव्यांगों के असली ताकत को सबके सामने उन्होंने स्वयं ही प्रशस्त किया
सुधा चंद्रन दिव्यांग होने पर भी अपनी सफलता खुद एक पैर से लिखी
अपनी विकलांगता को अपनी ताकत बनाकर
सभी के लिए अनूठी एक विश्वास बनी
सुधा चंदन जी भारत की सुप्रसिद्ध एक्ट्रेस और नृत्यांगना है।
सुधा जी लाखों भारतीय और दिव्यांगों की सफलता की प्रेरणा है
मैं दिव्यांग हूँ कमजोर नहीं
मैं दिव्यांग हूँ असहाय नहीं
राजेंद्र सिंह राहेलू विकलांगता से हार ना माना था
बिना पैर के भी पॉवर लिफ्टिंग में उन्होंने 185 किलो वजन उठाया था
राजेंद्र सिंह राहेलू युवाओ के प्रेरणा के स्रोत है।
राजेंद्र सिंह राहेलु विश्वभर के लिए पावरलिफ्टिंग में खुद समेटे एक गरिमा और विश्वास है
राजेंद्र जी भारत की गरिमा को बढ़ाते है
पावर लिफ्टिंग में भारत को पदक पे पदक दिलाते है
मैं विकलांग हूं किंतु कमजोर नहीं
विकलांग दिवस मनाए जाने का उद्देश्य दिव्यांगों के प्रति व्यवहार में बदलाव लाना है।।
दिव्यांगों के अधिकार के प्रति लोगों में जागरूकता भी फैलाना है।
कृपया दिव्यांगों के प्रति सहानुभूति और सहभागिता प्रदान करें
उन्हें कार्य के प्रति समानता और उत्तम अधिकार मिलें,
आइए हम विश्व विकलांग दिवस मनाए
भारत के सभी दिव्यांग महापुरुषों के कीर्ति की अमर गाथा गाए
