मैं फौजी हूं इस देश का
मैं फौजी हूं इस देश का
मैं फौजी हूं इस देश का
मैं फौजी हूं इस देश का
देश पर समर्पित रहता हूं
तन बदन और आत्मा को
देश पर अर्पित करता हूं।।
चौबीस घंटा सुरक्षा देना
धर्म अपना समझता हूं
गद्दारों को गोली मारना
कर्म अपना समझता हूं।।
जरा भी नहीं इसमें
समझौता करना चाहता हूं
चाहे मार दूँ विद्रोहियों को
या मर जाना चाहता हूं।।
बेबस हिंदुस्तान को
कभी नहीं देखना चाहता हूं
मरते दम तक
वंदे मातरम गाता हूं।।
खुद खून की स्याही से
संदेश देश को देता हूं
मरकर अमर हिंदुस्तानी
एककल मैं कहलाता हूं।।
मैं फौजी हूं इस देश का
देश पर समर्पित रहता हूं।
