STORYMIRROR

Renu Sahu

Abstract

4  

Renu Sahu

Abstract

विश्व पटल पे दी ऊँचाई है

विश्व पटल पे दी ऊँचाई है

1 min
304

आशाएं बुझ गई थी तब

हौसला मन भर आया

दूर विदेश मे सब के बीच

तिरंगा शान से लहराया


मर्यादा का गुण सिखलाती

आज फिर बढ़ाया मान है

हे साक्षी सिंधु तुने फिर

देश को दिलाया सम्मान है


2014 का सितंबर

नया इतिहास बनाया है

मंगल यान मंगल की कक्षा मे भेज

सपनों को सच कर दिखलाया है


ले पंख भारत के विज्ञान को

टकराने की शक्ति नासा चीन से

Home science से

rocket science का

दिया ज्ञान भारत के वीर ने


अंकों में नहीं गणना जिनकी

सत्रह हजार अभियंता थे

हौसला और उम्मीद साथ ले

मंगल मिशन को चंगा थे


जीत नहीं मोहताज

सोना चांदी हीरे मोती के

ये तो पीछे भागे है

कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय के


दे तमाचा बड़ बोलो के मुँह

देश की कमान संभाली है

हे भारत के सपूतों सलाम आपको

विश्व पटल पे दी हमको ऊँचाई है


भारत भूमि और उनके

सपूतों पे गर्व है हमें।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract