““आँसू का धर्म ””
““आँसू का धर्म ””
आँसू का कोई धर्म नहीं होता
बस बह जाते हैं
कभी अमीर की तो कभी गरीब की
कभी हिन्दू की तो कभी मुस्लिम की
कभी हिंदुस्तान की तो
कभी पाकिस्तान की
कभी पूर्वी देशों की तो
कभी पश्चिम देशों की
दिखती है तो बस एक चीज
नमक आँसू और आंखें
नमक का कोई लिंग नहीं
आँसू का कोई लिंग नहीं
आंखों का कोई लिंग नहीं
तो जाति, धर्म कहाँ से आया ?
वैसे ही आँसू का कोई धर्म नहीं।