शहीद
शहीद
मैं ही तलवार हूं,
मैं तोपो का वार हूं,
मैं भड़कता अंगार हूं,
मैं शीतल सा विचार हूं,
मैं तमस का अंधकार हूं,
मैं सूर्य का प्रकाश हूं,
मैं दशवा अवतार हूं,
मैं मृत्यु पर सवार हूं,
मैं ही अलंकार हूं,
मैं ही धितकार हूं,
मैं ही प्रचंड हूं,
मैं ही घमंड हूं,
मैं पत्थर सा ढीठ हूं
मैं एक शहीद हूं।
मैं मां की पुकार हूं,
मैं स्त्री का विकार हूं,
मैं बच्चो की आश हूं,
मैं लोगो का खास हूं,
मैं सत्य का प्रमाण हूं,
मैं युद्ध का रण हूं,
मैं राम सा तेज हूं,
मैं फूलों का सेज़ हूं,
मैं अशोक सा शांत हूं,
मैं गहरी अंधेरी रात हूं,
मैं केसर की ताल हूं,
मैं स्वराज्य का ढाल हूं,
मैं भावनाओ की रीढ़ हूं,
मैं एक शहीद हूं।