STORYMIRROR

Gaurav Shrivastav

Tragedy

4  

Gaurav Shrivastav

Tragedy

आजादी

आजादी

1 min
519

माफ़ करना मैने थोड़ी देर कर दी है,

तुम्हारे मन को समझने में भूल कर दी है,

सोचा मुझे भी प्यार मिलेगा,

शायद मैने आस गलत कर दी है,

आज मैने तुम्हे आजादी दी है।


घूट घूट के मरने से अच्छा,

तुम्हे खुशी से जीने की आजादी दी है,

तुम्हे मुझसे दूर जाना था,

तुम्हे चैन से सोने की आजादी दी है,

आज मैने तुम्हे आजादी दी है।


सारी गलतफहमियां अब तोड़ दी है,

अपनी गलतियों में एक कड़ी और जोड़ दी है,

खैर मुबारक हो,

तुम्हारी गलतियां मैने ओढ़ दी है,

आज मैने तुम्हे आजादी दी है।


ख्याल रखना तुम्हे अपनी मोहब्बत दी है,

और अब मैने तुम्हारी लत छोड़ दी है,

गुस्सा थोड़ा कम करना,

क्यों की सारे वजह मैने अपनी तरफ मोड़ दी है,

आज मैने तुम्हे आजादी दी है।

आज मैने तुम्हे आजादी दी है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy