तोड़ा था जो पत्ता तुमने उस शाख का, सुना है शजर में अभी जान बाकी है। तोड़ा था जो पत्ता तुमने उस शाख का, सुना है शजर में अभी जान बाकी है।
नहीं होती जुबां घायल बदनुमा अल्फाजों से नहीं होती जुबां घायल बदनुमा अल्फाजों से