क्यूँ मुझे नींद से जगाया, मुझे सोने देते, क्यूँ मुझे नींद से जगाया, मुझे सोने देते,
रोकेंगे भी बहुत, टोकेंगे भी बहुत पर कब हाथ से फिसल जाये कोई नहीं जानता रोकेंगे भी बहुत, टोकेंगे भी बहुत पर कब हाथ से फिसल जाये कोई नहीं जानता
तू अपने पौरुष पर कर भरोसा तू अपने पौरुष पर कर भरोसा
बिना रुके बस आगे बढ़ रही थी बिना रुके बस आगे बढ़ रही थी
बिन खता किए बेवजह खुद को मत डराना! बिन खता किए बेवजह खुद को मत डराना!
नहीं होती जुबां घायल बदनुमा अल्फाजों से नहीं होती जुबां घायल बदनुमा अल्फाजों से