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Sajida Akram

Abstract

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Sajida Akram

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धरा... #19 दिन वसुधैव कुटुम्ब

धरा... #19 दिन वसुधैव कुटुम्ब

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बसंत में धरती ने 

बसंती फूलों से किया,

श्रंगार, पीले फूलों को

बनाया है अपने गहनें

ओढ़ी है धानी चुनरियां, 

ऐ धरा तुम हमें धन-धान्य, 

से प्रखरता देती हो

तुम्हारी असीम प्रकृति

निखार देखकर लगता है

तुमने ओढ़ी है धानी, 

चुनरियां, तुम हो, 

हमारी अन्नपूर्णा, 

हे धरा तुम हो हमारी

वसुधैव कुटुम्बृ


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