श्रंगार, पीले फूलों को बनाया है अपने गहनें ओढ़ी है धानी चुनरियां, ऐ धरा तुम हमें धन श्रंगार, पीले फूलों को बनाया है अपने गहनें ओढ़ी है धानी चुनरियां, ऐ धर...
दे दो जेब का खर्च, कह्यौ हँसकर घरवाली। दे दो जेब का खर्च, कह्यौ हँसकर घरवाली।
अपनी ख़ुदी से खुद बदल रहा हूं इस लॉकडाउन में निखर रहा हूं। अपनी ख़ुदी से खुद बदल रहा हूं इस लॉकडाउन में निखर रहा हूं।
एक बासंती चोले में, ढाल दे वसुधैव कुटुंबकम में। एक बासंती चोले में, ढाल दे वसुधैव कुटुंबकम में।
व्यक्तित्व उसका निखार आता है चुनौतियों का सामना जो कर पाता है व्यक्तित्व उसका निखार आता है चुनौतियों का सामना जो कर पाता है