STORYMIRROR

Asha Pandey 'Taslim'

Abstract

3  

Asha Pandey 'Taslim'

Abstract

राख

राख

1 min
183

मौसमी जीभ

जब-जब फड़फडा़ये

चेहरे की उस ऐंठ को देखकर

तृप्त हो जाती हूँ मैं


मुझे पता है

नारियल का सौन्दर्य क्या है

गुण क्या है

लाभ क्या है


उपरी खोल को दे दिया है

उन राख वाले हाथों को

ताकि मांजते रहने में ही

पूरा जीवन बीत जाए


नारियल के अंदर की बातें

कभी समझ न आए।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract