माँ शैलपुत्री
माँ शैलपुत्री
अभिनंदन है अभिनंदन
हे माँ शैलपुत्री ,बैल असवार
करू शीश नवा नित वंदन,
शिव शंकर की अद्धांर्गिनी
करे देवता जय जय कार
पर्वतों पर डेरा माँ, तू पार्वती !
उमा, भवानी !
जो कोई सुमिरे तुम को
सुख पावे,उस का बेड़ा पार
पुजन अर्चन आज करू माँ ध्यान,
घी की अखंड जोत जलाऊँ
फूल, पत्र को करू अर्पण
नारियल, मिष्ठान भोग लगाऊँ
दुष्टों का संहार करो माँ !
सगरे दुख संताप मिटा दो
जन -जन को उल्लासित कर दो
रिद्धि,सिद्धि से परिपूरित कर दो
अन्नपूर्णा घर बार करो
जय -जय हे गिरिराज किशोरी !
हे जगत तारिणी अम्बे !
हे जगत प्रकाशिनी ! हे कल्याणी !
अभिनंदन,अभिनंदन !
लाल लाल चुनर ओढ़ माँ !
आ जाना इस बार मेरे सदन
देने आशीष सिंहवाहिनी !
माँ बारम्बार प्रणाम ।
अभिनंदन माँ अभिनंदन !
