हे जगत तारिणी अम्बे ! हे जगत प्रकाशिनी ! हे कल्याणी ! हे जगत तारिणी अम्बे ! हे जगत प्रकाशिनी ! हे कल्याणी !
लोक गीत की धुन यहाँ देती सुनाई ना, लोक गीत की धुन यहाँ देती सुनाई ना,
सहृदय नमन करना सर झुका कर जो सुकून मिलता है....वो अलौकिक है। सहृदय नमन करना सर झुका कर जो सुकून मिलता है....वो अलौकिक है।
खूब खाओ पियो दूध जूस और खाओ घी दही मलाई आप। खूब खाओ पियो दूध जूस और खाओ घी दही मलाई आप।
महंत ने बाज़ार से घी मंगवाया ऋण बराबर घी, क्षिप्रा में बहाया ..... महंत ने बाज़ार से घी मंगवाया ऋण बराबर घी, क्षिप्रा में बहाया .....
ब्रह्म मुहूर्त गोधूलि, ना जाने कोई भाई। ब्रह्म मुहूर्त गोधूलि, ना जाने कोई भाई।